NHPC से ACME Solar की करोड़ों की डील! 680 MW का बड़ा धमाका

भारत की अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी ACME Solar Holdings Limited ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने सरकारी उपक्रम NHPC Limited के साथ 680 मेगावाट की फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (FDRE) परियोजना के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह डील न केवल ACME Solar के लिए, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

NHPC

ACME Solar की स्थापना 2003 में श्री मनोज कुमार उपाध्याय द्वारा की गई थी। शुरुआत में कंपनी ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए ऊर्जा प्रबंधन समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया। 2009 में, कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखा और 2012 में अपना पहला सोलर पावर प्लांट कमीशन किया। तब से, ACME Solar ने सौर, पवन, हाइब्रिड, और FDRE परियोजनाओं में अपनी उपस्थिति मजबूत की है।

680 MW FDRE परियोजना की विशेषताएँ

NHPC के साथ साइन की गई यह 680 मेगावाट की परियोजना कई राज्यों में विकसित की जाएगी, जिनमें गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, और राजस्थान शामिल हैं। इस परियोजना में सौर, पवन, और बैटरी स्टोरेज का संयोजन होगा, जो इसे एक हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा समाधान बनाता है। परियोजना का उद्देश्य न्यूनतम 40% वार्षिक क्षमता उपयोग कारक (CUF) सुनिश्चित करना है, साथ ही पीक आवर्स के दौरान वादा की गई ऊर्जा का 90% आपूर्ति करना।

ACME Solar की वर्तमान स्थिति

वर्तमान में, ACME Solar की कुल स्थापित क्षमता 2,540 मेगावाट है, जबकि 4,430 मेगावाट की परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। कंपनी का पोर्टफोलियो सौर, पवन, हाइब्रिड, और FDRE परियोजनाओं में विविधता लिए हुए है, जो इसे भारत की अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों में से एक बनाता है।

भविष्य की योजनाएँ और IPO

ACME Solar ने नवंबर 2024 में अपना IPO लॉन्च किया, जिसके माध्यम से कंपनी ने 2,900 करोड़ रुपये जुटाए। इस राशि का उपयोग कंपनी अपनी सहायक कंपनियों के बकाया ऋणों के पुनर्भुगतान और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए कर रही है। इसके अलावा, कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार कर रही है।

Conclusion- NHPC

NHPC के साथ 680 मेगावाट की PPA साइन करके, ACME Solar ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। यह डील न केवल कंपनी की वृद्धि में सहायक होगी, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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